श्री लक्ष्मी जी की आरती | shri lakshmi ji ki aarti | Bhakti Samachar

जैसा की हम सब जानते है माता लक्ष्मी जिन्हे धन की देवी भी कहा जाता है यह श्री विष्णु जी की पत्नी है इसलिये इन्हे विष्णु प्रिया भी कहा जाता है माता लक्ष्मी जी को कामला के नाम से भी पुकारा जाता है जिस भी मनुष्य पर माता लक्ष्मी जी की कृपा होती है उनके जीवन मे धन वैभव ऐश्वर्य की कभी कमी नहीं आती | यदि आप भी माता लक्ष्मी जी की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते है तो माता लक्ष्मी जी की विधि विधान से प्रतिदिन उनकी पूजा करे और गए उनकी आरती

श्री लक्ष्मी जी की आरती

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ||

तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता

 ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ||

उमा, रमा ब्राह्मणी, तुम ही जग माता |

सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ||

 

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता |

जो कोई तुमको ध्यावत, रिद्धि सिद्धि धन पता

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ||

 

तुम पाताल निवासनी , तुम ही शुभ दाता |

कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ||

 

जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता |

सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ||

 

तुम बिन यज्ञ होते, व्रत ना हो पाता |

खाना पान का वैभव, सब तुमसे आता

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ||

 

शुभ गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरो दधि जाता |

रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ||

 

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता

उर आनंद समाता, पाप उतर जाता |

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ||

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