Shiv Aarti | श्री शिव जी की आरती | Bhakti samachaar

Shiv Aarti

जय शिव ओंकारा,
भज हर शिव ओंकारा,

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धाङ्गी धारा ।
ॐ जय शिव ओंकारा,

एकानन चतुरानन
पंचानन राजै,

हंसासन गरुड़ासन
वृषवाहन साजै ।
ॐ जय शिव ओंकारा,

दो भुज चार चतुर्भुज
दसभुज अति सोहै,

तीनों रूप निरखते
त्रिभुवन मन मोहे ।
ॐ जय शिव ओंकारा,

अक्षमाला वनमाला
मुण्डमाला धारी,

चंदन मृगमद चंदा
सोहै त्रिपुरारी ।
ॐ जय शिव ओंकारा,

श्वेताम्बर पीताम्बर
बाघम्बर अंगे,

सनकादिक ब्रह्मादिक
भूतादिक संगे ।
ॐ जय शिव ओंकारा,

करके मध्ये कमंडलु
चक्र त्रिशूलधारी,

सुखकारी दुखहारी
जगपालन कारी ।
ॐ जय शिव ओंकारा,

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
जानत अविवेका,

प्रणवाक्षर में शोभित
ये तीनों एका ।
ॐ जय शिव ओंकारा,

त्रिगुण शिव जी की आरती जो कोई नर गावे,
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे ।

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