Mystery of Numerology | अंक ज्योतिष का रहस्य | Bhakti Samachaar

Mystery of Numerology

Mystery of Numerology जगत् का मूल जगत् में समाहित विभिन्न वस्तुएं जो हमें अनेक रूप में दिखती हैं के मूल में पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश तत्त्व विभिन्न अनुपात और विभिन्न प्रकार से समिश्रित हैं अर्थात् समस्त जगत् केवल पंच-तत्त्वों की माया है। इन सभी तत्त्वों का प्रादुर्भाव आकाश से ही हुआ है। आकाश … Read more

Ank Jyotish Ki Paribhasha | अंक ज्योतिष की परिभाषा | Defination Of Numerology | Bhakti Samachaar

Ank Jyotish Ki Paribhasha

Ank Jyotish Ki Paribhasha अंक ज्योतिष संख्याओं के गुप्त महत्व का अध्ययन है। यह संभवतः सीखने और महारत हासिल करने के लिए गुप्त क्षेत्रों में सबसे सरल है। अंकज्योतिष का उपयोग करके, आप किसी व्यक्ति की ताकत और कमजोरियों, गहरी आंतरिक जरूरतों, भावनात्मक प्रतिक्रियाओं, दूसरों के साथ व्यवहार करने के तरीकों, प्रतिभाओं का पता लगा … Read more

Hanumaan Ashatak | संकटमोचन हनुमानाष्टक | Bhakti Samachaar

Hanumaan Ashatak

Hanumaan Ashatak बाल समय रवि भक्ष लियो,तब तीनहुँ लोक भयो अँधियारो । ताहि सों त्रास भयो जग को,यह संकट काहु सों जात न टारो । देवन आनि करी विनती तब,छाँडि दियो रवि कष्ट निवारो । को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥ बालि की त्रास कपीस बसै,गिरिराज महाप्रभु पंथ निहारो । चौंकि … Read more

Bajrang Baan | बजरंग बाण | Bhakti Samachaar

Bajrang Baan

Bajrang Baan (बजरंग बाण) ॥ दोहा ॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करें सनमान ।तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें हनुमान ॥ जय हनुमान सन्त हितकारी,सुन लीजै प्रभु अरज हमारी। जन के काज विलम्ब न कीजे,आतुर दौरि महासुख दीजे । जैसे कूदि सिन्धु महि पारा,सुरसा बदन पैठि विस्तारा । आगे जाई लंकिनी रोका,मारेहु लात … Read more

Hanuman ji ki aarti | हनुमान जी की आरती | Bhakti Samachaar

Hanuman ji ki aarti

Hanuman ji ki aarti आरती कीजै हनुमान लला की,दुष्ट दलन रघुनाथ कला की । जाके बल से गिरवर कांपे,रोग दोष जाके निकट न झांके । अंजनी पुत्र महा बलदाई,सन्तन के प्रभु सदा सहाई । दे बीड़ा रघुनाथ पठाये,लंका जारि सिया सुधि लाये । लंका सो कोट समुद्र सी खाई,जात पवनसुत वार न लाई । लंका … Read more

Shiv Aarti | श्री शिव जी की आरती | Bhakti samachaar

Shiv Aarti

Shiv Aarti जय शिव ओंकारा,भज हर शिव ओंकारा, ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धाङ्गी धारा ।ॐ जय शिव ओंकारा, एकानन चतुराननपंचानन राजै, हंसासन गरुड़ासनवृषवाहन साजै ।ॐ जय शिव ओंकारा, दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहै, तीनों रूप निरखतेत्रिभुवन मन मोहे ।ॐ जय शिव ओंकारा, अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी, चंदन मृगमद चंदासोहै त्रिपुरारी ।ॐ जय शिव ओंकारा, श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे, … Read more