Maa Kushmanda Ki Aarti | माँ कूष्माण्डा जी की आरती | Navratron Me Maa Kushmanda Ko Prasann Kare Unki Aarti Gaa Kar
माँ कूष्माण्डा की आरती
नवरात्री के दिनों में चतुर्थ दिवस पर जिन देवी की उपासना होती है वो है माता कूष्माण्डा इन्हे पार्वती माता के नौ अवतारों में से चतुर्थ अवतार माना गया है और नवरात्री के चतुर्थ दिवस में माता कूष्माण्डा के पूजन का विधान है
कूष्माण्डा जय जग सुखदानी आरती देवी कूष्माण्डा को समर्पित है जो देवी पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और उनकी पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है।
नवरात्री के पांचवे दिन होती है इन माता की पूजा
माँ कूष्माण्डा की आरती
कूष्माण्डा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥
पिङ्गला ज्वालामुखी निराली।
शाकम्बरी माँ भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे।
भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदम्बे।
सुख पहुँचती हो माँ अम्बे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
माँ के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो माँ संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥