Impact of Numerology
महात्मा गांधी की जन्मतिथि 2-10-1869 है जिसका
जन्मांक= 2
सर्वांक =1
भाग्यांक =6
पूर्णांक =9
लग्नांक =5
उक्त अंकों में किसी अंक की पुनरावृत्ति नहीं है, इसलिए उनके जीवन पर जन्मांक 2 का ही विशेष प्रभाव होगा जिसे जीवनांक कहेंगे। जीवनांक 2 के लिए 4 व 7 का अंक शत्रु है जबकि 1 और 5 शुभ हैं और 6, 9, 8, 3 सामान्य है। अतः गांधी जी के जीवन पर 2 अंक का शुभ प्रभाव और 4 अंक का अशुभ प्रभाव देखने का मिलता है, देखें-
जन्म 2 अक्टूबर =2
कस्तूरबा से विवाह 1883 में=-1+8+8+3= 20 = 2
पिता की मृत्यु 1885 में=1+8+8+5 = 22 = 4
राजकोट व मुम्बई में वकालत 1892 में= 1+8+9+2 = 20 = 2
भारत में आगमन 1901 में = 1+9+0+1 = 11 = 2
तिलक स्वराज्य फन्ड की स्थापना= 2 अक्टूबर = 2
कस्तूरबा की मृत्यु 22 फरवरी में = 2+2 = 4
महाप्रयाण 1948 में =1+9+4+8 = 22 = 4
गांधी जी का नाम मोहन दास करमचन्द गांधी था जबकि वे गांधी (Gandhi) नाम से विश्व प्रसिद्ध हुए। गांधी का नामांक 1 है जबकि संयुक्तांक 19 है, देखें-
GANDHI
31545 1
3+1+5+ 4+ 5+1 = 19 =1+9 = 10 = 1+0 = 1
संयुक्तांक 19 सूर्य का प्रतीक है, इससे हर्ष, सफलता प्रतिष्ठा तथा लोक-सम्मान अभिव्यक्त होता है। सभी जानते हैं कि सूर्य जीवन में प्रकाश लाता है। गांधी जी भी देश के लिए प्रकाश स्तम्भ रहे और सदैव के लिए उनका दर्शन लोगों का पथ-प्रदर्शक रहेगा। इन्दिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को हुआ था।
जिसका
जन्मांक=1
सर्वांक =2
भाग्यांक =9
पूर्णांक =3
लग्नांक=9
उक्त अंकों में 9 के अंक की आवृत्ति दो बार है, इसलिए जीवनांक 9 है। जीवनांक 9 के लिए अंक 1, 2, 3 मित्र और 5, 4, 7 शत्रु हैं। आप इन्दिरा गांधी के जीवन पर दृष्टि डालेंगे तो
1, 2, 3, 9 अंकों का शुभ प्रभाव और 4, 5 और 7 अंकों का अशुभ प्रभाव देखने को मिलेगा। जैसे-
* पिता जेल गए 1921 में =1+9+2+1=13 =4
* माता जेल गयी 1931 में =1+9+3+1=14 =5
* दादा की मृत्यु 1931 में =1+9+3+1=14 =5
* स्वयं जेल गयीं 1942 में =1+9+4+2=16 =7
* राजीव गांधी का जन्म 1944 में =1+9+4+4=18 =9
* संजय गांधी का जन्म 1946 में =1+9+4+6=20 =2
* गांधी जी से अन्तिम भेंट 1948 में =1+9+4+8=22 =4
* कांग्रेस कार्यसमिति की अध्यक्ष निर्वाचित 1955 में =1+9+5+5=20 =2
* फिरोज गांधी की मृत्यु 1960 में =1+9+6+0=16 =7
* नेहरू जी का निधन, राज्यसभा सदस्य निर्वाचित, सूचना प्रसारण मन्त्री बनी 1964 में =1+9+6+4=20 =2
* कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पार्टी की सदस्यता से निष्कासित 1969 में =1+9+6+9=25 =7
* आपात्तकाल, बांग्लादेश को मान्यता, पाकिस्तान से युद्ध में जीत एवं कई महत्त्वपूर्ण कार्य किए 1971= 1+9+7+1=18 =9
* शिमला समझौता 1972 में=1+9+7+2=19 =1
* इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव (रायबरेली) को अवैध ठहराया 1975 में =1+9+7+5=22 =4
* चौथी बार प्रधानमन्त्री बनीं 1980 में 1+9+8+0=18 =9
* उग्रवादी द्वारा हत्या 1984 में =1+9+8+4=22 =4
हिटलर की जन्मतिथि 20.4.1989 थी। यदि हिटलर के जन्म वर्ष में वर्ष का संयुक्तांक क्रमशः जोड़ें तो मृत्यु का वर्ष स्पष्ट हो जाता है-
हिटलर का जन्म 1889 = 1+8+8+9 का संयुक्तांक जोड़ा + 26 = 1915
1+9+1+5 का संयुक्तांक जोड़ा +16= 1931
1+9+3+1 का संयुक्तांक जोड़ा + 14
हिटलर की मृत्यु का सन् 1945
यदि हिटलर के जीवन पर दृष्टि डालेंगे तो आपको 1915 एवं 1931 उनके जीवन के महत्त्वपूर्ण वर्ष मिलेंगे।
इसी प्रकार जवाहरलाल नेहरू की जन्मतिथि 14 नवम्बर 1889 थी। यदि उनके जन्मवर्ष में वर्ष का संयुक्तांक, क्रमशः जोड़ते जाएंगे तो उनकी मृत्यु का वर्ष स्पष्ट हो जाता है-
नेहरू का जन्म=1889 =1+8+8+9 का संयुक्तांक जोड़ा + 26= 1915
1+9+1+5 का संयुक्तांक जोड़ा + 16 =1931
1+9+3+1 का संयुक्तांक जोड़ा + 14=1945
1+9+4+5 का संयुक्तांक जोड़ा +19
नेहरू की मृत्यु का सन् 1945
उपरोक्त उदाहरणों से स्पष्ट हो जाता है कि अंकों का महत्त्वपूर्ण प्रभाव जीवन पर पड़ता है। यदि आप स्वयं अपने-अपने परिवार के सदस्यों, मित्रों, व्यापारिक भागीदारों, उच्चाधिकारियों व परिचितों के जीवन का अवलोकन अंक-ज्योतिष के अनुसार करेंगे तो आप अंकों का आश्चर्यजनक सामंजस्य, अद्भुत संयोग एवं चमत्कारिक पुनरावृत्ति पाएंगे।
अतः जीवन में उन्नति एवं सफलता प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि हम अंकों की महत्ता समझें और अपने जीवनांक को पहचान कर यह निर्णय लें कि मेरे लिए क्या उपयोगी है? अंक ज्योतिष द्वारा हम प्रत्येक वर्ष, मास, दिन और घंटे तक का भविष्य जान सकते हैं। किसी से कब और किस समय मिलें जिससे कार्य सिद्ध हो सके या किससे सम्बन्ध रखें और जीवन लक्ष्य क्या निर्धारित करें आदि बातों का निरूपण अंक ज्योतिष के द्वारा सहजता से कर सकते हैं।
अंक ज्योतिष एक वैज्ञानिक विषय है। यदि आप उसके नियमों को समझकर निज जीवन की घटनाओं का विश्लेषण करके देखेंगे तो एक समय आप अपने गम्भीर अध्ययन तथा धैर्य पूर्वक लम्बे समय तक अंक शास्त्र का अभ्यास करने से इतने अनुभवी हो जाएंगे कि आप शुभाशुभ समय को पहचान कर लोगों को एक सुनिश्चित सुपथ पर अग्रसर हो सकने की प्रेरणा, शक्ति और उत्साह दे सकेंगे।