Maa Katyayani Ki Aarti | माँ कात्यायनी जी की आरती | Navratron Me Maa Katyayni Ko Prasann Kare Unki Aarti Gaa Kar
माँ कात्यायनी जी की आरती
नवरात्री के दिनों में षष्ठम दिवस पर जिन देवी की उपासना होती है वो है माता कात्यायनी इन्हे पार्वती माता के नौ अवतारों में से षष्ठम अवतार माना गया है और नवरात्री के षष्ठम दिवस में माता कात्यायनी के पूजन का विधान है
जय जय अम्बे जय कात्यायनी आरती देवी कात्यायनी को समर्पित है जो देवी पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और उनकी पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है।
नवरात्री के सातवें दिन होती है इन माता की पूजा
माँ कात्यायनी जी की आरती
जय जय अम्बे जय कात्यायनी।
जय जग माता जग की महारानी॥
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहावर दाती नाम पुकारा॥
कई नाम है कई धाम है।
यह स्थान भी तो सुखधाम है॥
हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी।
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥
हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मन्दिर में भगत है कहते॥
कत्यानी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की॥
झूठे मोह से छुडाने वाली।
अपना नाम जपाने वाली॥
बृहस्पतिवार को पूजा करिए।
ध्यान कात्यानी का धरिये॥
हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी॥
जो भी माँ को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥